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Showing posts from February, 2019

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स्वर - साधना

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sangeet guru संगीत की  online classes  के लिए संपर्क करें   +91 6396247003 (CALL OR WHATSAPP) सृष्टि की उत्पत्ति का मूल वाक्' को मन जाता है | वाक् के चार प्रकार होते है, परा, पश्यन्ति ,  मध्यमा और वैखरी  इसी वाक् को भारतीय वाड्मय  में शब्द  नाद  आदि संज्ञाओ से निर्दिष्ट किया जाता है  | वाक् के आधार पर ही पुरे संसार का व्यवहार  परिचालित होता है  |  वाक्  के दो रूप होते है    (1) नादात्मक और  (2)  वर्णात्मक  नादात्मक  वाक्  ----- नादात्मक  वाक् आवेग रूप  चित्तवृत्ति  का सूचक होता  है  वर्णात्मक वाक् https://youtu.be/4UvrGR9OGxY?si=hBQMiJslG5zJwjlb   वर्णात्मक वाक् वर्ण से सम्बन्ध होने के कारण  विचार का निदेशक होता  है |     जिस प्रकार भावो के आवेग में अश्रु  पुलक ; कंप इत्यादि  भाव बिना किसी प्रयत्न के स्वत ; ही  प्रकट हों जाते है  |  उसी प्रकार हर्ष, शोक ,  कृध आदि के आवेग में  की इन वुत्त्व्रत्तियो के सूचक ध्वनियअ मनुष्य के मुख से  स्वत ; निकल पड़ती है  | इसी प्रकार की ध्वनिय  संगीत के मूल में भी है  मानव शरीर को "गात्र - वीणा " या शारीरी वीणा भ

WHAT IS NOTE ? (स्वर क्या है ?)

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सोनू निगम द्वारा रियाज़ का तरीका जानें click करें यहाँ   स्वर क्या है  संगीत पारिजात और संगीत रत्नाकर ग्रन्थ के अनुसार  -- " रञ्जयति स्वतः स्वान्तं श्रोतृणामिति ते स्वरः " अर्थात जो अपने आप ही अर्थात दुसरो की सहायता के बिना ही सुनने वालों के मनो को प्रसन्न करें यानि उनका मनोरंजन करें वो स्वर कहलाते हैं।           दूसरे प्रकार से --- घर बैठे online पैसे कमाने के लिये click https://shortlink.biz/44136 सप्तक की २२ श्रुतियाँ में से चुनी हुई ७ श्रुतियाँ जो एक दूसरे से कुछ अंतर पर स्थित हैं और सुनने में मधुर लगती है वो ही स्वर कहलाती हैं। सप्तक की २२ श्रुतियों में से ७ श्रुतियों को ; जिन्हें अलग अलग सरलता से पहचाना जा सकता है इन्ही ७ श्रुतियों को " मुख्य स्वर " या " शुद्ध स्वर " कहा जाता है। इन्ही ७ स्वरों पर ही सारा संगीत आधारित है। https://timebucks.com/?refID=219487376 पार्ट टाइम फुल टाइम इनकम के लिए लिंक पर click करें जेन्युइन सर्वे और video advertise देखकर, इनकम करें वो भी unlimited तो अभी click करें संगीत पारिज

WHAT IS SHRUTI (श्रुति क्या है)

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  श्रुति क्या है  https://timebucks.com/?refID=219487376 पार्ट टाइम फुल टाइम इनकम के लिए लिंक पर click करें जेन्युइन सर्वे और video advertise देखकर, इनकम करें वो भी unlimited तो अभी click करें    गीत, गाना, बजाना , संगीत, वाद्ययंत्र (MUSICAL INSTRUMENTS ) सभी देख रहे हैं सीख रहे हैं या सीखना चाह रहे हैं, लेकिन इन सभी में एक COMMAN चीज़ है और वो है स्वर, जिनसे मधुर संगीत बनता है हम अगर गाते भी हैं तो भी स्वर ही सुनाई देते हैं, आखिर ये स्वर आये कहाँ से ये भी एक प्रश्न है;  इसका सीधा सा उत्तर है कि........  सोनू निगम द्वारा रियाज़ का तरीका जानें click करें यहाँ घर बैठे online पैसे कमाने के लिये click https://shortlink.biz/44136            "अगर नृत्य प्रदर्शन हो रहा है तो देखकर आँखों द्वारा उसका आनंद लिया जा सकता है                अगर अभिनय का भी प्रदर्शन हो रहा है तो भी उसका आनंद आँखों द्वारा देखकर लिया जा सकता है और यदि गायन अथवा वादन का प्रदर्शन हो रहा है तो अपने कानो द्वारा सुनकर उसका आनंद लिया जा सकता है।"  अतः  गीत बना राग से  राग बना थाट  से थाट  बन

AASHRAY RAAG (आश्रय राग)

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सोनू निगम द्वारा रियाज़ का तरीका जानें click करें यहाँ कम शब्दों में कहूं तो आश्रय राग वो राग हैं जिनके नाम पर जिन थाटों से वो राग उत्पन्न माने जाते हैं उन थाटों का नामकरण हुआ है |  इस प्रकार से थाटों की ही तरह आश्रय रागों की संख्या भी १० ही हुई ये संगीत से सम्बंधित जानकारियां आप sangeetgurudk.blogspot.com   पर पढ़ रहे हैं |      https://timebucks.com/?refID=219487376 पार्ट टाइम फुल टाइम इनकम के लिए लिंक पर click करें जेन्युइन सर्वे और video advertise देखकर, इनकम करें वो भी unlimited तो अभी click करें सोनू निगम द्वारा रियाज़ का तरीका जानें click करें यहाँ                इन ही १० थाटों से ही,  कुछ रागो को अगर छोड़ दें तो ज़्यादातर रागों की उत्पत्ति मानी गई है  .. अब ये कुछ राग क्या हैं , इसके बारे में विस्तार से मैं आगे के कुछ posts  में बताऊंगा आप और जानकारी के लिए, संगीत पर ही आधारित मेरे   SANGEET GURU  YOUTUBE  CHANNEL  को भी देख सकते हैं | रागों के इस प्रकार के वर्गीकरण का श्रेय स्व० पं विष्णु नारायण भातखण्डे को है। सोनू निगम द्वारा रियाज़ का तरीका

THAAT STRUCTURE (थाट रचना)

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ये blogg मैंने उन जिज्ञासु संगीत के विद्यार्थियों के लिए बनाया है जिनको संगीत के विषय में गहरी रुचि है दोस्तों जैसा की मैंने आपसे पहले ही वादा   किया है कि मैंने संगीत से सम्बंधित आपके किसी भी प्रश्न का सोनू निगम द्वारा रियाज़ का तरीका जानें click करें यहाँ  उत्तर देने के लिए ही इस BLOG को बनाया है   इसलिए COMMENT BOX  में आकर आप अपना सवाल पूछ सकते हैं आपका और आपके सवाल का स्वागत करता हूँ ,  भरपूर कोशिश करूँगा की आपकी जिज्ञासा शांत कर सकूँ |  https://timebucks.com/?refID=219487376 पार्ट टाइम फुल टाइम इनकम के लिए लिंक पर click करें जेन्युइन सर्वे और video advertise देखकर, इनकम करें वो भी unlimited तो अभी click करें थाट रचना ठाट को थाट, मेल या जनक भी कहा जाता है,  दोस्तों जैसा की मैंने आपको पहले ही बताया है की स्वर कुल मिलाकर १२ होते हैं | और एक सप्तक में सात स्वर होते हैं  थाट  गाये  बजाये नहीं जाते थाट  का एकमात्र उपयोग रागों को उत्पन्न करना होता है |  https://timebucks.com/?refID=219487376 पार्ट टाइम फुल टाइम इनकम के लिए लिंक पर click करें

ABOUT OCTAVE SAPTAK (सप्तक के विषय में)

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संगीत के स्वर मुख्यतया ३ सप्तकों में होते हैं -- (१) मन्द्र सप्तक lower octave (२) मध्य सप्तक mid octave (३) तीव्र या तार सप्तक higher octave https://timebucks.com/?refID=219487376 पार्ट टाइम फुल टाइम इनकम के लिए लिंक पर click करें जेन्युइन सर्वे और video advertise देखकर, इनकम करें वो भी unlimited तो अभी click करें (१ )   मन्द्र सप्तक  (lower octave)   --    वो सप्तक होता है जिसके स्वर अन्य दोनो सप्तकों से नीचे होते  हैं  या फिर यूं  कहें कि  इस सप्तक के स्वरों की आवाज़ अपेक्षकृत भारी या मोटी होती है किसी भी सांगीतिक वाद्ययंत्र (musical instrument) का ये पहला पहला सप्तक  (octave) होता है | गायक के लिए इन स्वरों पर  गाने पर पेट  अधिक ज़ोर पड़ता है | ये blogg मैंने उन जिज्ञासु संगीत के विद्यार्थियों के लिए बनाया है जिनको संगीत के विषय में गहरी रुचि है   (२)   मध्य सप्तक  (mid octave)     --      ये वो सप्तक है जिसमे सभी स्वर न तो बहुत ऊंचे हैं और न ही बहुत नीचे हैं मतलब कि ये एक बीच का सप्तक (octave )   है प्रत्येक सांगीतिक वा

INTRODUCTION OF MUSIC (संगीत का परिचय )

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नमस्कार मित्रों ,                       मैं धर्मेंद्र आपके हर प्रश्न का उत्तर देने के लिए उपस्थित हूँ जो संगीत के किसी भी क्षेत्र से सम्बंधित हो |  दोस्तों संगीत एक ऐसा जादू है जो सभी को सम्मोहित करता है ,जीव, जंतु, प्राणी, मानव, प्रकृति कोई भी संगीत के प्रभाव से अछूता नहीं है|  आप मुझे कभी भी संपर्क कर सकते हैं | सोनू निगम द्वारा रियाज़ का तरीका जानें click करें यहाँ मैं चाहता  हूँ  कि  जो भी संगीत का जिज्ञासु है उसको संगीत के बारे में मूलभूत या फिर आधार बातें पता होनी चाहिए या फिर यूँ कहें की हमें संगीत की basic knowledge होना ही चाहिए तभी हम आगे आने वाले क्लिष्ट या complex compositions या वक्र स्वर समूहों को पहचान भी पाएंगे और गा या बजा भी पाएंगे | विश्व में मुख्य रूप में दो संगीत पद्धतियां (systems) इस समय चल रहे हैं १) भारतीय संगीत पद्धति (INDIAN MUSIC SYSTEM)       २) पाश्चात्य संगीत पद्धति (WESTERN MUSIC SYSTEM) घर बैठे online पैसे कमाने के लिये click https://shortlink.biz/44136 भारतीय संगीत पद्धति के अनुसार संगीत में सात शुद्ध स्वर होते हैं